
ऋषिकेश, 8 अगस्त। नगर निगम के पार्षदों ने एकजुट होकर अधिशासी अभियंता, जल संस्थान के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित न मिलने पर पार्षदों का आक्रोश और बढ़ गया। परिणामस्वरूप उन्होंने जल संस्थान में सांकेतिक तालाबंदी करते हुए चेतावनी दी कि यदि समस्याओं का त्वरित समाधान नहीं हुआ, तो भविष्य में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
शुक्रवार को धरना प्रदर्शन के दौरान पार्षदों ने ज्ञापन के माध्यम से आरोप लगाया कि पेरी-अर्बन योजना के अंतर्गत ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में दिए जा रहे पेयजल कनेक्शनों में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अत्यधिक पानी के बिल आ रहे हैं। कई उपभोक्ताओं के पानी के बिल दूध के बिल से भी ज्यादा हैं। यह स्थिति बड़ी गड़बड़ी का संकेत देती है।
स्थानीय पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने कई बार जल संस्थान में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अधिकारियों की तानाशाही और लापरवाही के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई।
पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि क्षेत्र की जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालना किसी भी तरह उचित नहीं है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो सभी पार्षद मिलकर संपूर्ण तालाबंदी और उग्र आंदोलन करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी जल संस्थान की होगी।
प्रदर्शन में पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, विनोद नाथ, सुनीता भारद्वाज, सुरेंद्र सिंह नेगी, सत्य कपरवान, संजय प्रेमसिंह बिष्ट, दिनेश रावत, हर्षवर्धन रावत, चेतन चौहान, प्रभाकर शर्मा, सिमरन उप्पल, वीरेंद्र रमोला, संध्या बिष्ट, एकांत गोयल, अजय दास, राजेश कोठियाल, सचबीर भंडारी, मोहन प्रसाद वशिष्ठ, राम अवतार वर्मा, विजेंद्र मोघा, वीरेंद्र भारद्वाज, कुशलानंद, द्वारिका प्रसाद, अनिल रावत, अमित उप्पल, पुष्कर बंगवाल, अभिनव मलिक, नवीन नौटियाल सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।