
देहरादून, 10 अगस्त। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून के भोगपुर में आयोजित कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के सभी 13 जिलों में 13 आदर्श संस्कृत ग्रामों का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में इन गांवों में संस्कृत भवनों का निर्माण और राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों की स्थापना की जाएगी, जिससे देववाणी संस्कृत को घर-घर तक पहुंचाया जा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य है जो संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आदर्श संस्कृत ग्राम योजना लागू कर रहा है। संस्कृत हमारी संस्कृति, परंपरा, ज्ञान और विज्ञान का मूल आधार है। नई शिक्षा नीति में संस्कृत को आधुनिक और व्यवहारिक भाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास।
कहा कि आदर्श संस्कृत ग्रामों में दैनिक जीवन में संस्कृत प्रयोग को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही संस्कृत प्रतिभा सम्मान योजना के तहत उत्कृष्ट छात्रों को सम्मान।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है जिसने संस्कृत को दूसरी आधिकारिक भाषा घोषित किया है। अगले वर्ष से संस्कृत विद्यालयों में एनसीसी और एनएसएस की शुरुआत होगी तथा शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा।
ये हैं 13 आदर्श संस्कृत ग्राम
देहरादून – भोगपुर
टिहरी गढ़वाल – मुखेम
उत्तरकाशी – कोटगाँव
रुद्रप्रयाग – बैंजी
चमोली – डिम्मर
पौड़ी गढ़वाल – गोदा
पिथौरागढ़ – उर्ग
अल्मोड़ा – जैंती पाण्डेकोटा
बागेश्वर – शेरी
चम्पावत – खर्ककार्की
हरिद्वार – नूरपुर पंजनहेड़ी
नैनीताल – पाण्डे गांव
ऊधमसिंहनगर – नगला तराई
पुनर्वास कार्य पूरी संवेदनशीलता से किए जा रहे
देहरादून। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तरकाशी और पौड़ी में आई आपदा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास कार्य पूरी संवेदनशीलता और तेजी से किए जाएंगे। उन्होंने ऑपरेशन कालनेमि के तहत सनातन धर्म को बदनाम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखने की बात भी दोहराई।
कार्यक्रम में रह रहे मौजूद
डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला, मेयर ऋषिकेश शंभू पासवान, सचिव दीपक कुमार, उत्तराखंड संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री आदि।