पत्रकारवार्ता में दी उच्च एवं उच्चतम न्यायालय में निशुल्क पैरवी करने की जानकारी
हरिद्वार, 26 फरवरी
उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों के समर्थन में आए पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यदि उत्तराखंड सरकार और विधानसभा सचिवालय उनके लिख पत्र पर विचार नहीं करती है तो निकाले गए कर्मियों के पक्ष में उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में खुद निशुल्क पैरवी करेंगे। उनका उद्देश्य बर्खास्त कर्मियों को न्याय दिलाना है।
रविवार को हरिद्वार में पत्रकारवार्ता के दौरान पूर्व सांसद ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब मामला उनके संज्ञान में आया तो इसका गंभीरता से अध्ययन किया। हैरानी जताते हुए कहा कि एक ही संस्थान में एक ही प्रक्रिया से नियुक्ति पाए कार्मिकों की वैधता में दो अलग-अलग निर्णय कैसे, कुछ लोगों की नियुक्ति को अवैध बताने के बाद भी बचाया गया है एवं कुछ लोगों को अवैध करार कर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाकर बर्खास्त भी कर दिया गया, यह कार्यवाही कहीं से भी उचित नहीं लगती| एक विधान एक संविधान का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार एवं विधानसभा सचिवालय को चाहिए कि कार्मिकों के संबंध में सर्वदलीय बैठक बुलाकर या फिर किसी अन्य प्रक्रिया से सकारात्मक निर्णय लेकर बहाली की जाए| सरकार का मकसद रोजगार देना होना चाहिए ना कि रोजगार को छीना जाए। पूर्व सांसद ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष से बर्खास्त कार्मिकों के पक्ष में गंभीरतापूर्वक विचार कर तत्काल बहाली की अपील की। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि प्रदेश सरकार मामले में उचित कार्रवाई नहीं करती तो वे विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों को न्याय दिलाने के लिए उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में खुद निशुल्क पैरवी करेंगे।