
खीर गंगा उद्गम स्थल और ग्लेशियर बेस का ड्रोन से किया उच्च स्तरीय निरीक्षण
उत्तरकाशी, 17 अगस्त। 5 अगस्त को खीर गंगा क्षेत्र में आई भीषण जलप्रलय से जनपद उत्तरकाशी के धराली बाजार में भारी तबाही हुई। घटना उपरांत एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट से राहत एवं बचाव कार्य हेतु टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। प्रारम्भिक चरण में ड्रोन के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र की सतत निगरानी एवं सर्चिंग कार्यवाही की गई।
7 अगस्त को पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ के आदेश पर मुख्य आरक्षी राजेन्द्र नाथ के नेतृत्व में टीम ने धराली गांव से पैदल मार्ग द्वारा खीर गंगा के दाहिने ओर लगभग 3450 मीटर ऊंचाई तक पहुंचकर ड्रोन संचालन किया। इस निगरानी में किसी भी प्रकार की झील का निर्माण नहीं पाया गया। तैयार वीडियो एवं फोटोग्राफी तत्काल उच्चाधिकारियों को उपलब्ध कराई गई।
8 अगस्त को इसी क्रम में एएसआई पंकज घिल्लियाल व टीम ने श्रीकंठ पर्वत के नीचे लगभग 3900 मीटर ऊंचाई पर पुनः रैकी की। टीम ने ड्रोन के माध्यम से खीर गंगा व धराली क्षेत्र के ऊपर बने नालों की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी की। संकलित सामग्री वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान तथा यू-कॉस्ट के वैज्ञानिकों को अध्ययन हेतु प्रेषित की गई।
14-15 अगस्त को मुख्य आरक्षी राजेन्द्र नाथ के नेतृत्व में एसडीआरएफ एवं NIM प्रशिक्षकों की संयुक्त टीम ने श्रीकंठ पर्वत बेस और खीर गंगा उद्गम स्थल का भौतिक निरीक्षण किया। टीम ने लगभग 4812 मीटर की ऊँचाई पर अत्यंत विषम परिस्थितियों — घना कोहरा, तेज हवाएँ और वर्षा — के बीच भी Phantom-4 एवं DJI Mini-2 ड्रोन की सहायता से ग्लेशियर बेस और उद्गम स्थल की विस्तृत वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी की।
महत्व: एसडीआरएफ की इस उच्च स्तरीय रैकी एवं भौतिक निरीक्षण से आपदा की वास्तविक परिस्थितियों का वैज्ञानिक विश्लेषण सम्भव हुआ है। टीम द्वारा संकलित सभी सामग्री उच्चाधिकारियों एवं वैज्ञानिक संस्थानों को भेजी गई है।
यह कार्यवाही भविष्य में आपदा प्रबंधन एवं जोखिम न्यूनीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।