
ऋषिकेश, 13 सितम्बर। निरंकारी मिशन की उप-प्रधान, प्रेरणादायी लेखिका एवं आध्यात्मिक सेविका राज वासदेव 12 सितम्बर की रात निरंकार प्रभु में लीन हो गईं।
1941 में पेशावर (पाकिस्तान) में जन्मी राज वासदेव ने शिक्षा, लेखन और सेवाओं के माध्यम से मिशन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने संत निरंकारी मंडल की पहली महिला कार्यकारिणी सदस्य बनकर मिशन में महिलाओं की भूमिका को नया आयाम दिया। 2022 में उन्हें उप-प्रधान नियुक्त किया गया और अंतिम सांस तक उन्होंने यह दायित्व पूरी निष्ठा से निभाया।
उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य मिशन का प्रचार-प्रसार और युवा पीढ़ी को सत्य मार्ग से जोड़ना रहा। उन्होंने अनेक ऐतिहासिक आयोजन कराए, जिनमें महिला संत समागम और अंग्रेज़ी माध्यम समागम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
👉 अंतिम यात्रा: 13 सितम्बर, सायं 4 बजे निरंकारी कॉलोनी, दिल्ली से आरंभ होकर निगम बोध घाट पर सम्पन्न होगी।
👉 प्रेरणा दिवस: 14 सितम्बर, दोपहर 3 से 5:30 बजे तक, ग्राउंड नंबर 8, बुराड़ी रोड, दिल्ली में आयोजित होगा।
“आध्यात्मिक सेविका राज वासदेव का संपूर्ण जीवन निस्वार्थ सेवा, साहस और समर्पण का प्रतीक रहा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा”