ऋषिकेश,18 जुलाई। एकल श्री हरि संस्कार शिक्षा व्यास कथाकार वार्षिक दक्षता शिविर में देश के विभिन्न प्रांतों से आई महिलाएं कथा वाचन और भजन प्रस्तुतीकरण के गुर सीख रहीं हैं। यह सनातन संस्कृति के प्रचार व प्रसार का अद्भुत माध्यम है।
हरिपुरकला स्थित दिव्य धाम आश्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा एकल अभियान के अंतर्गत श्री हरि संस्कार शिक्षा व्यास कथाकार वार्षिक दक्षता वर्ग का आयोजन चल रहा है। इस दीक्षांत समारोह मे महिलाओं को कथा वाचन का अभ्यास कराने के साथ ही उनको दीक्षा प्रदान की जाती है l इस समारोह में महिलाएं 6 माह का प्रशिक्षण शिविर लेने के उपरांत दीक्षा लेने आती हैं। इस शिक्षा वर्ग में देश के दूरस्थ क्षेत्रों से महिलाएं कथा वाचन सीखने आती है। महिलाएं अपनी बातों को जन-जन तक भली प्रकार एवं प्रभावशाली तरह से पहुंचा पाती हैं। संस्कारों को मनुष्य के अंदर समाहित करने का यह अद्भुत माध्यम है, यह सत्र 9 महीने का होता है। कथा वाचन और भजन प्रस्तुतीकरण सिखाने का मुख्य उद्देश्य गांव में जाकर के यह महिलाएं अपनी भाषा और अपने शब्दों में वहां के लोगों को कथा सुनाकर अपनी आजीविका चला सकें। एकल अभियान के प्रभाग प्रमुख प्रमोद सिंह ने बताया कि यहां पर उत्तराखंड सहित देश के अनेक जगह से महिलाएं व्यास कथा सीखने आती है और जब वह पारंगत हो जाती हैं तो अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर के वहां इन कथाओं वाचन करती हैं l इस तरह हमारी सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार तो होता ही है। कहा कि जब महिलाएं संस्कारित होती हैं तो पूरा परिवार समाज वह पूरा देश संस्कारित होता है। लिहाजा महिलाओं को अधिक से अधिक धर्म ग्रंथों का ज्ञान व वाचन विद्या सीखना अति आवश्यक है l
इस अभियान में भाई रंजीत सिंह, मुकेश कुमार, उत्तम सिंह, डॉ. चंद्रधर काला, लक्ष्मी काला सहयोग कर रहे हैं।