चमोली हादसे के बाद हरकत में आए अधिकारी! यहां एसटीपी में देखी सुरक्षा व्यवस्था

ऋषिकेश।चमोली नमामि गंगा के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट मैं करंट दौड़ने से हुए बड़े हादसे के बाद संबंधित अधिकारी हरकत में आ गए हैं। शनिवार को ऋषिकेश के लक्कड़ घाट स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंची विभाग की टीम ने गहनता से निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
नमामि गंगे परियोजना के तहत लक्कड़ घाट स्थित संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (26 एमएलडी एसटीपी) में सुरक्षा ऑडिट शनिवार की दोपहर को किया गया। सेफ्टी ऑडिट में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता शक्ति प्रसाद शाह, उपखण्ड अधिकारी राजीव कुमार एवं जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण सचेतक विनोद जुगलान ने एसटीपी की अनुरक्षण कंपनी एमीट ग्रुप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया। एमीट समूह के परियोजना प्रबंधक विनीत बेनीवाल ने बताया कि यह प्लान्ट विश्व की उच्चतम एसबीआर एसटीपी तकनीक पर बना हुआ है। यहां प्लान्ट को संचालित करने के लिए एक एक हजार किलोवाट के दो ट्रांसफार्मर है जिनमें संचालित सिर्फ एक ही होता है जबकि दूसरा वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आरक्षित किया गया है। जो डीजल जेनरेटर सेट लगाए गए हैं वह भी ईको फ्रेंडली ध्वनि प्रदूषण रहित हैं। एमीट के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उत्तम सिंह पंवार ने कहा कि यहां हर तरह से सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। यह प्लांट पूर्ण रूप से स्वचालित और फुलप्रूफ सिस्टम है। मौके पर अवर अभियंता शम्भू प्रसाद बहुगुणा, इलेक्ट्रिशयन रणवीर सिंह, सुधीर गौतम, लाइनमैन श्याम सिंह, पंकज कुमार, विकास सिलस्वाल आदि मौजूद रहे।

अनुपयोगी पंपिंग स्टेशन से हादसे की आशंका
समिति सदस्य ने अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग शक्ति प्रसाद शाह को बताया कि यहां अनुपयोगी पड़े इस पम्पिंग स्टेशन में दुर्घटना की प्रबल संभावना है। उन्होंने उपखण्ड अधिकारी राजीव कुमार को त्वरित से संज्ञान लेने और समुचित कार्यवाही के निर्देश दिए। सम्बन्धित अधिकारी ने बताया कि इस 15 केवी क्षमता के इस ट्रांसफार्मर से अन्यत्र भी विद्युत आपूर्ति की जा रही है। लिहाजा कनेक्शन काटने से पूर्व विकल्प देखना होगा।

सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन हो
सेफ्टी ऑडिट कर रहे टीम के मुख्य अधिकारी ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता शक्ति प्रसाद शाह ने कहा कि सुरक्षा नियमों का सख्ती के साथ पालन किया जाए। साथ ही विद्युत आपूर्ति की इनपुट का हर घंटे का लेखा जोखा लिखित में नोट किया जाना चाहिए। किसी भी तरह की तकनीकी खराबी से बचने के लिए प्रिवेंटिव मेजर्स महत्वपूर्ण है।विद्युत आपूर्ति से सम्बंधित किसी भी तरह की दिक्कत के लिए संपर्क किया जा सकता है।

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