ऋषिकेश। सरकारी अस्पताल में 24 जुलाई को जन्मे एक नवजात शिशु को अवैध रूप से बेचे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग पुलिस से की है।
लक्कड़घाट, खदरी ग्राम पंचायत सदस्य प्रमिला सिंह ने आईडीपीएल पुलिस चौकी में मामले की लिखित शिकायत में बताया कि
1 दिन पहले लक्कड़ घाट में किराये पर रहने वाली एक महिला काल्पनिक नाम सुनीता निवासी धामपुर, बिजनौर ने उनके घर पहुंचकर बताया कि उसकी बहन का एक बेटा 24 जुलाई को स्थानीय आशा वर्कर की देखरेख में राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में जन्मा था। आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने नियम विरूद्ध तरीके से मोटी रकम लेकर 27 जुलाई को नवजात शिशु किसी बाहरी व्यक्ति को बेच दिया है। इस घटना से अनभिज्ञ मां अपने नवजात शिशु की ममता के कारण परेशान एवं बेहाल है। वह अपना बच्चा वापस चाहती है। पंचायत सदस्य ने सवाल उठाया कि उक्त प्रकरण में यदि बच्चे को अवैध तरीके से किसी को दिया गया अथवा बेचा गया है। लिहाजा यह एक निंदनीय घटना एवं माता के मातृत्व पर एक अभिशाप का प्रतीक है, इस प्रकार की घटना समाज में मानव तस्करी को बढावा दे रही है जो एक बड़े अपराध की श्रेणी में आता है। जिसको तत्काल रोका जाना समाजहित में होने के साथ ही कानून संगत भी है। ग्राम पंचायत सदस्य प्रमिला सिंह ने उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
पुलिस पर मामला दबाने का आरोप
पंचायत सदस्य ने पुलिस पर मामला दबाने का आरोप लगाया है। बताया कि उक्त प्रकरण करीब 6 दिन पहले पुलिस के संज्ञान में आया था। आरोप लगाया कि मामले में कार्रवाई की वजह पुलिस लापरवाह बनी रही। बताया कि इस मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र प्रेषित कर की है।
इनकी सुनिए…
नवजात शिशु को बेचने का मामला संज्ञान में आने पर पुलिस ने कार्रवाई की। जानकारी मिली कि बिचौलिए के तय रकम से कम देने पर विवाद हो गया। बाद में दोनों पक्षों ने रुपए के लेनदेन के मामले को सुलझा आपसी सहमति से कोर्ट जाकर गोदनामा बनवा लिया है। लिहाजा अब कोई मामला नहीं बनता।
-कविंद्र राणा चौकी इंचार्ज आईडीपीएल