करीब 6 महीने पहले सील मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर को किया सशर्त रि-ओपन
ऋषिकेश 23 सितंबर। राज्य स्वास्थ्य विभाग की क्विक रिस्पांस टीम ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर औचक छापेमारी कर कार्रवाई की। इस दौरान देहरादून स्थित एक अल्ट्रासाउंड केंद्र में कमियां मिलने पर 57,000 का जुर्माना लगाया गया। जबकि करीब 6 महीने पहले सील किए मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर को सशर्त खोला।
शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की चार सदस्यीय क्विक रिस्पांस टीम एडिशनल सीएमओ देहरादून डॉ दिनेश चौहान के नेतृत्व में तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंची। यहां उपजिलाधिकारी योगेश सिंह मेहरा, तहसीलदार चमन सिंह को साथ लेकर शहर में चल रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर जांच पड़ताल की कार्रवाई की।
सबसे पहले देहरादून रोड स्थित गोयल डायग्नोस्टिक सेंटर में कार्रवाई की गई। टीम ने विजिटर रजिस्टर, कुशल स्टाफ, अल्ट्रासाउंड मशीन के लाइसेंस आदि की गहनता से जांच की। अनियमितता मिलने पर जुर्माने की कार्रवाई की गई। साथ ही यहां पूर्व में सील की गई एक मशीन को खोला गया।
टीम दून रोड पर ही लगभग 6 महीने पहले सील किए गए मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंची। यहां सेंटर पर लगे ताले को खुलवाकर उसे रि-ओपन किया गया। इस दौरान कई तरह की चर्चाएं भी हुईं।
एडिशनल सीएमओ डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर को सशर्त के खोला गया है। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड डायग्नोस्टिक सेंटर बिना रेडियोलॉजिस्ट के संचालित नहीं हो सकेगा। रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के बाद ही मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर पुन: रनिंग में आएगा। क्विक रिस्पांस टीम की केंद्र पर बराबर नजर रहेगी।
उन्होंने बताया कि देहरादून रोड स्थित गोयल डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड मशीन पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं कराने पर 57,000 की पैनल्टी लगाई गई है। दून रोड स्थित शिवालिक अल्ट्रासाऊंड केंद्र और शहर में संचालित अन्य अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर विभिन्न बिंदुओं को लेकर जांच पड़ताल की गई, जिसमें भ्रूण लिंग की जांच, अल्ट्रासाउंड मशीनों के पंजीकरण के नवीनीकरण, कुशल स्टाफ आदि मुख्य रहे।
टीम में सीनियर गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर मोनिका श्रीवास्तव, कोऑर्डिनेटर ममता बहुगुणा, बालाजी एनजीओ के दो सदस्य मौजूद रहे।