ऋषिकेश 5 अक्टूबर। एम्स ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर कैंसर के प्रति वृद्ध लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से पब्लिक लैक्चर आयोजित किया गया। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि मेडिकल साइंस की विकसित होती तकनीकों से अब कैंसर का उपचार संभव है। यानी कि कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं है। उपचार भी सस्ता और सुलभ है। इस दौरान कैंसर से लड़ाई जीत चुके लोगों को सम्मानित भी किया गया।
गुरुवार को मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग, वृद्ध कैंसर चिकित्सा क्लिनिक और वृद्ध काय चिकित्सा विभाग की ओर से आयोजित पब्लिक लैक्चर कार्यक्रम में कैंसर विशेषज्ञों ने कैंसर बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने बताया कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं है। स्क्रीनिंग के माध्यम से इसका समय रहते पता लगाया जा सकता है। ऐसे में यदि तत्काल उपचार शुरू कर दिया जाए तो कैंसर की बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि बायोमार्कर टेस्ट की मदद से महिलाओं में कैंसर का समय पर पता लगाया जा सकता है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष तौर से जागरुक रहना होगा।जेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की हेड प्रो. मीनाक्षी धर ने की बताया गया कि फेफड़ों, पेशाब की थैली, बड़ी आंत और स्तन में कैंसर बनने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। साथ ही महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर भी अब बहुतायत में देखने को मिल रहा है। इसके लिए आनुवांशिक कारणों के अलावा जीवन शैली में बदलाव और पर्यावरणीय कारण प्रमुख हैं। इसके लिए योगा, प्राणायाम, मेडिटेशन करने की सलाह दी गई। साथ ही नशीले पदार्थ, तम्बाकू उत्पादों और अल्कोहल का त्याग करने को कहा गया। जीवनशैली में बदलाव लाकर मोटा अनाज का सेवन करने और भरपूर नींद जरूरी बताई गई। डीन एकेडेमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने शरीर में कैंसर के बनने, उसके लक्षणों, कैंसर के प्रकार, उसकी स्टेज और बीमारी के निदान के बारे में विस्तृत जानकारियां साझा की। मौके पर मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपक सुन्दरियाल, डॉ. मोनिका पठानिया, एसआर. डॉ. मृदुल, जेआर.डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. नीतू आदि मौजूद रहे।