ऋषिकेश 22 अक्टूबर। शारदीय नवरात्र के महाअष्टमी पर्व पर श्रद्धालुओं ने घरों और मंदिरों में कन्याओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद लिया। साथ ही सामर्थ्यनुसार दक्षिणा और उपहार देकर कन्याओं को भोजन कराया। सुबह से ही बालिकाओं की टोलियां गली-मोहल्लों में चहल कदमी करतीं नजर आईं।
रविवार को दुर्गाष्टमी तीर्थनगरी ऋषिकेश में आस्था और उल्लास के साथ मनायी गई। घरों में व्रती श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद आठ से अधिक कन्याओं को जिमाया। घरों में श्रद्धालुओं ने पूड़ी, हलवे, चने आदि का प्रसाद तैयार कर कन्याओं को श्रद्धापूर्वक परोसा। घरों में बोयी हरियाली को भी काटकर माता के चरणों में अर्पित किया। कंजकों को जिमाने के बाद श्रद्धालुओं ने सामर्थ्यनुसार उन्हें दक्षिणा और उपहार दिए। पंडित कमल डिमरी ने बताया कि प्राचीन काल से मान्यता चल रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन करवाते हैं, उन पर मां भगवती अपनी पूरी कृपा रखती है। इससे पूजा-अर्चना और उपवास सफल होता है।
माता के मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
ऋषिकेश। दुर्गाष्टमी पर्व के दौरान रविवार को तीर्थनगरी ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों के मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। त्रिवेणीघाट स्थित दुर्गा मंदिर, मनीराम रोड, देहरादून रोड स्थित श्री दुर्गा मंदिर, देहरादून रोड स्थित सातमोड के समीप मनइच्छा देवी मंदिर, ढालवाला भद्रकाली तिराहे पर सिद्ध पीठ मां भद्रकाली में श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन और आरती कर मन्नतें मांगी। मान्यता है कि नवरात्र में श्रद्धापूर्वक दान, व्रत करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।