पिथौरागढ़। धारचूला-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक यात्री वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर करीब 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे में वाहन में सवार पांच आदि कैलास यात्री समेत छह लोग लापता हैं। हादसा मंगलवार दोपहर धारचूला तहसील मुख्यालय से करीब 23 किमी दूर पांगला तंपा मंदिर के समीप हुआ। रेस्क्यू में जुटीं पुलिस टीम और एसडीआरएफ को देर शाम तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं लग सका। बता दें कि बीते आठ अक्तूबर को भी इसी मुख्य मार्ग पर चट्टान का बड़ा हिस्सा चलते वाहन पर टूटकर गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी।
जानकारी के मुताबिक एक टैक्सी वाहन पांच आदि कैलास यात्रियों को गुंजी से धारचूला ले जा रहा था। दोपहर एक बजे के करीब मंदिर के पास वाहन बेकाबू होकर खाई में गिर गया। पहाड़ी से टकराता हुए काली नदी के किनारे तक जा पहुंचे वाहन के परखच्चे उड़ गए। पीछे से आ रहे दूसरे वाहन में सवार लोगों ने तत्काल घटना की जानकारी किसी तरह जिला प्रशासन को दी। जिसके बाद में पांगला पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पहुंची। बचाव दलों ने स्थानीय लोगों, एसएसबी के साथ मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया। लेकिन देर शाम तक भी लापता लोगों का कहीं कुछ पता नहीं लगा। टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी है।
धारचूला-लिपूलेख सड़क में यात्रा करना जान खतरे में डालने जैसा है। धारचूला से 80 किमी दूर गुंजी तक अलग-अलग स्थानों में करीब 20 डेंजर जोन बने हुए हैं। आए दिन पहाड़ियों से मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर सड़क पर गिर रहे हैं, जो लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।
16 दिन पहले इसी रूट पर सात की जान गई
पिथौरागढ़। बीती आठ अक्तूबर को धारचूला-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुदी से करीब चार किमी पहले कोथला झरने के पास पहाड़ से चट्टान का बड़ा हिस्सा टूटकर चलती जीप के ऊपर गिर गया था। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी, जिनके शव मलबे के ढेर से 24 घंटे बाद निकाले जा सके थे। मलबे में दबकर जान गंवाने वालों में तीन भाई-बहन, एक सेवानिवृत्त शिक्षक और उनकी पत्नी भी शामिल थे।