ऋषिकेश 16 दिसंबर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश व हेल्थ केयर के क्षेत्र में कार्यरत विश फाउंडेशन के मध्य एमओयू साइन किया गया। जिसमें संस्थान की ओर से कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह व विश फाउंडेशन की ओर से पूर्व आईएएस अधिकारी व फाउंडेशन के सीईओ राकेश कुमार ने हस्ताक्षर किए। जबकि इस करार में एम्स के डॉ. मधुर उनियाल व फाउंडेशन की प्रतिनिधि अमृत राय ने बतौर विटनेस साइन किए।
बताया गया कि दोनों संस्थाओं के मध्य इस करार का उद्देश्य उत्तराखंड की चार धाम यात्रा व राज्य में होने वाली अन्य धार्मिक यात्राओं के मद्देनजर हेल्थ केयर के मामलों में सहयोग प्रदान करेगा। एमओयू के तहत एम्स राज्य में होने वाली धार्मिक यात्राओं में हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का आंकलन करेगा। इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए निर्देशन और एसओपी तैयार करेगा। करार के मद्देनजर एम्स चार धाम व अन्य यात्राओं से जुड़े राज्य सरकार के हेल्थ केयर वर्करों व अन्य लोगों जो यात्रा में यात्रियों की बेहतर स्वास्थ्य के लिए मददगार साबित हो सकते हैं, ऐसे तमाम लोगों को ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार कर प्रशिक्षित करेगा। साथ ही उक्त तमाम एसओपी, प्रोटोकॉल्स व ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार हो जाने के बाद क्वालिटी कंट्रोल के लिए क्लिनिकल ऑडिट भी करेगा।
बताया गया कि विश फाउंडेशन (वाधवानी इनिशिएटिव फॉर सस्टेनेबल हेल्थ) ऑर्टिफिशिल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है।
चारधाम व कुंभ मेला जैसी धार्मिक यात्राओं में देश विदेश के करोड़ों तीर्थयात्री क्षेत्र में आते हैं, लिहाजा एम्स पूर्व की भांति यात्रियों को बेहतर हेल्थ सेवाएं देने व राज्य सरकार को सहयोग के लिए संकल्पबद्ध हैं। इस अवसर पर संस्थान के विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय आदि अधिकारी मौजूद थे।
एम्स ने तैयार किए मास्टर ट्रेनर चिकित्सक
ऋषिकेश। चारधाम यात्रा में हेल्थ केयर के लिए एम्स के नोडल अधिकारी व स्टेट हेल्थ को- ऑर्डिनेशन अफसर डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि पूर्व में भी चारधाम यात्रा के लिए एम्स संस्थान ने मास्टर ट्रेनर चिकित्सक तैयार किए थे, जो कि उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक थे। जबकि वर्तमान में संस्थान यात्रा के लिए उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के चालक- परिचालकों फस्ट स्पोंडर को प्रशिक्षित कर रहा है। बताया कि बीते वर्षों में भी एम्स ने कई मौकों पर हेल्थ एसओपी व प्रोटोकल्स, ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार किए, जिसे राज्य सरकार ने अपनाया और क्रियान्वयन किया है।