देहरादून 26 दिसंबर। नीति-माणा के पौराणिक सरस्वती मंदिर में अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भैरव सेना संगठन ने विरोध प्रदर्शन कर भ्रष्टाचारियों का पुतला आग के हवाले किया। मुख्यमंत्री से कथित भ्रष्टाचार की जांच और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की।
मंगलवार को भैरव सेवा संगठन के जिलाध्यक्ष परवादून गणेश जोशी के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता लैंसडाउन चौक पर आ धमके। जहां विरोध प्रदर्शन के बीच सरस्वती मंदिर के भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्टाचारियों का पुतला दहन कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया।
भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा कि देवभूमि की संस्कृति को बाहरी लोग ऊंचे रसूख और धन बल से बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। महाराष्ट्र के पूंजीपति विश्वनाथ कराड ने श्री बद्रीनाथ धाम से 2 किलोमीटर दूर “माणा” में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल भीमपुल के निकट स्थित पौराणिक प्राकृतिक सरस्वती मंदिर का पुनरुत्थान करवाकर भव्य मंदिर बनवाया। जिसमें कथित रूप से 29 करोड़ का खर्च हुआ। आरोप लगाया कि भव्य मंदिर निर्माण के बाद मंदिर के गर्भ गृह में उसने अपने मृतक भाई-बहन की मूर्तियां मां सरस्वती, श्री गणेश और वेदव्यास जी के साथ में विराजमान कर दी। यही नहीं देवभूमि की अध्यात्मिक देवीय धरोहर मां सरस्वती मंदिर की समिति बनाकर उस पर कब्जा भी कर दिया, जो की अक्षम्य अपराध है। देवभूमि में आराध्य देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ पितरों को विराजमान नहीं करते। परंतु धन्ना सेठ उत्तराखंड की देवीय संस्कृति और परम्पराओं को ही नहीं अपितु सनातन संस्कृति को ही अंहकारवश में बदलने का प्रयास कर रहे हैं, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन प्रदेश अध्यक्षा अनीता थापा ने कहा कि यह देवभूमि है यहां पर आस्था और मोक्ष के उद्देश्य से लोग यथासामर्थ्य दान और धार्मिक कार्य करते हैं।
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने सेठ कराड प्रकरण पर पुतला दहन किया। चेताया कि मंदिर प्रांगण से सेठ के परिवार की मूर्तियां ने हटाई गई तो आंदोलन और आक्रामक होगा। पौराणिक सरस्वती मंदिर को बद्री-केदार मंदिर समिति को सौंपने पर भी जोर दिया। प्रदर्शन में केंद्रीय सचिव संजय पंवार, प्रमिला रावत, काजल चौहान, सरोज शाह, सतीश जोशी, हेमंत सकलानी, प्रवीण कालरा सहित दर्जनभर से अधिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।