ऋषिकेश 7 फरवरी। सड़क सुरक्षा जीवन रक्षक जन जागरूकता अभियान के तहत विभिन्न परिवहन कंपनियों के करीब 170 चालक और परिचालकों को एसडीआरएफ के प्रशिक्षकों ने संभावित दुर्घटना की रोकथाम और जान माल सुरक्षा के गुर सिखाए। इस अवसर पर उपस्थित सभी चालक परिचालकों को फर्स्ट एड किट भी वितरित की गई। परिवहन राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर परिवहन विभाग के 15 जनवरी से चल रहे सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा जन जागरूकता अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत SDRF जॉलीग्रांट के सयुंक्त तत्वावधान में फर्स्ट रिस्पांडर प्रशिक्षण कार्यक्रम का सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यलय ऋषिकेश में आयोजन किया गया। एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सिंह सजवाण, सब इंस्पेक्टर विजेंद्र कुड़ियाल के साथ तकरीबन 10 कर्मियों द्वारा उपस्थित 170 चालक परिचालकों को फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका के बारे में विस्तार से समझाया गया। इस दौरान एसडीआरएफ टीम द्वारा चालक और परिचालकों को दुर्घटना के समय जोखिम को कम करने में काम आने वाली सभी तकनीक जैसे दुर्घटना होने पर सीपीआर कैसे दें, कैसे उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाए, वाहन में आग लगने पर कैसे बचाव किया जाए, कैसे उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया जाए, कैसे किसी मिर्गी वाले व्यक्ति को तत्काल उपचार दिया जाए, रक्त को बहने से कैसे रोका जाए जैसी कई अन्य महत्वपूर्ण पूर्ण जानकारी प्रदान की। बताया कि दुर्घटना पीड़ित की सहायता करने में कोई संकोच न करें। मोटर वाहन अधिनियम 2019 में हुए संशोधनों के बाद दुर्घटना में सहायता करने वाले व्यक्ति को किसी भी लीगल जिम्मेदारी या अस्पताल के खर्चे से डरने की आवश्यकता नहीं है। सहायता करने वाले व्यक्ति को राज्य सरकार की ओर से पुरुस्कृत किया जाएगा। कार्यक्रम में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अरविंद पांडेय, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), मोहित कोठारी, आरआई रोमेश अग्रवाल,वरिष्ठ सहायक दीपक पांडेय, योगनगरी ऑटो/ रिक्शा यूनियन अध्यक्ष संजय शर्मा, मैक्स यूनियन सचिव राधेश्याम व्यास, देवभूमि ऑटो यूनियन से नवीन जैन आदि मौजूद रहे।