ऋषिकेश 21 मार्च। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) के तत्वावधान में पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम अध्यक्ष और परिसर निदेशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत ने कहा कि इस प्रकार की वर्कशॉप के द्वारा छात्रों में नए विचार को सृजन करने तथा उनको समाज के कल्याण में काम आने के बारे में बताया उन्होंने पेटेंट की जरूरत के बारे में छात्रों को अवगत कराया।
आयोजन सचिव एवं आईपीआर प्रकोष्ठ समन्वयक प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा ने आईपीआर की महत्वता तथा उनके छात्रों में नई सोच को उत्पन्न करने की जरूरत पर बताया कि समय-समय पर इस विषय में छात्रों को जागृत करने के लिए कार्यक्रम द्वारा छात्रों में नया जोश वह समझ उत्पन्न होता है। कला संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर डीसी गोस्वामी ने बौद्धिक संपदा अधिकार के द्वारा छात्र बहुत सी बातें सीखते हैं। उन्होंने छात्रों को सामान्य प्रयोगो के द्वारा भी समाज कल्याण के लिए आवश्यक कोई नया आविष्कार हो जाने की बात की। दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता डॉ राजेश ने डिजाइन थिंकिंग क्रिटिकल थिंकिंग एंड इनोवेशन पर विस्तार से चर्चा की उन्होंने पेटेंट के द्वारा स्टार्टअप किस प्रकार शुरू किया जाए उसके बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। उन्होंने सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्लांस स्मार्ट सिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व तथा उसके बढ़ते प्रयोग के फायदे तथा नुकसान के बारे में भी विस्तार से चर्चा की। तकनीकी सत्र में डॉ सिद्धार्थ स्वामी ने सामाजिक परेशानियों को कैसे बौद्धिक संपदा के द्वारा दूर कर सकते हैं के बारे में बताया। उन्होंने स्मार्ट इंडिया अप के माध्यम से कई जानकारियां छात्रों को दी। प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा तथा एम्स ऋषिकेश के एडिशनल प्रोफेसर डॉ संतोष कुमार ने डॉक्टर राजेश तथा डॉक्टर सिद्धांत स्वामी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। डॉ प्रीति खंडूड़ी के संचालन में चले कार्यक्रम में प्रोफेसर डीएम त्रिपाठी, प्रोफेसर वीडी पांडे, डॉ शालिनी, डॉ एसके कुड़ियाल, डॉ कृष्णा नौटियाल, अर्जुन पालीवाल, देवेंद्र भट्ट आदि लोग मौजूद थे।