
हरिद्वार, 18 जुलाई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कावड़ यात्रा के दौरान हाल की कुछ उपद्रवी घटनाओं पर व्यक्त की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शिव शक्ति प्रदर्शन नहीं, आंतरिक साधना है। भक्ति में अनुशासन और मर्यादा अनिवार्य हैं।”
उन्होंने असामाजिक तत्वों को चेतावनी देते हुए कहा कि यात्रा के उद्देश्यों को भुलाकर किसी भी प्रकार की अशांति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ओम पुल हरिद्वार में कांवड़ियों के पांव धोकर स्वागत करने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा “कांवड़ यात्रा हमारी श्रद्धा, संस्कृति और सेवा का प्रतीक है। इसे सुगम, सुरक्षित और मर्यादित बनाना हमारा दायित्व है।”
आयोजन में महंत रविंद्र पुरी (अखाड़ा परिषद अध्यक्ष), कल्पना सैनी (राज्यसभा सांसद), आदेश चौहान, मदन कौशिक, प्रणव सिंह चैंपियन (विधायकगण), मयूर दीक्षित (जिलाधिकारी), राजीव स्वरूप (IG), प्रमेन्द्र सिंह डोभाल (SSP), श्री गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम आदि मौजूद रहे।
सीएम ने शिव भक्तों के पांव पखारे, की पुष्प वर्षा
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में ओम पुल के निकट गंगा घाट पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए देशभर से आए शिव भक्त कांवड़ियों का चरण प्रक्षालन कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भजन संध्या में भी सहभागिता की और इसे अपने जीवन का सौभाग्य बताया। मुख्यमंत्री बोले यह मेरा सौभाग्य है कि शिव भक्तों के चरण धोकर उनका आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने गंगा सभा और भारतीय नदी परिषद के तत्वावधान में गंगा तट पर आयोजित एक कार्यक्रम में विश्व के सबसे ऊँचे 251 फीट भगवा ध्वज की स्थापना की घोषणा की। साथ ही, कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई जिससे शिवभक्तों में अपार उत्साह देखा गया।
उन्होंने सफल आयोजन हेतु हरिद्वार पुलिस, प्रशासन, और HRDA को बधाई दी तथा श्रद्धालुओं की सेवा को देवभूमि की परंपरा बताया।
हरिद्वार को धार्मिक-पर्यटन हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के सभी धार्मिक स्थलों का पुनरोद्धार हो रहा है।
उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर, उज्जैन में महाकाल लोक और उत्तराखंड में केदारनाथ-बद्रीनाथ मास्टर प्लान जैसे कार्यों का उल्लेख करते हुए हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा की।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ और धर्म-संरक्षण की पहल
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत छद्म वेश में सनातन धर्म को बदनाम करने वाले तत्वों पर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ अनिवार्य किया गया है।
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