
टिहरी गढ़वाल। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, बादशाहीथौल और स्पीकिंगक्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन के बीच 21 अगस्त को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस पहल का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, शैक्षणिक शोध और सामाजिक उद्यमिता को नई दिशा प्रदान करना है।
विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार श्री दिनेश चंद्र और स्पीकिंगक्यूब की संस्थापिका एवं निदेशक डॉ. दीपिका चमोली शाही ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. एनके जोशी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने लगभग 25 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू किए हैं। इसी क्रम में मार्च 2025 में स्पीकिंगक्यूब के सहयोग से “मनोवैज्ञानिक मुद्दे: हस्तक्षेप और प्रबंधन” विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सितंबर 2025 से दोनों संस्थान मिलकर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन करेंगे, जिससे प्रदेश और देशभर के प्राध्यापकों को लाभ मिलेगा।
समझौते के मुख्य बिंदु
➡️छात्रों और समाज में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
➡️हाइब्रिड इंटर्नशिप और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन।
शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन।
➡️दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण।
➡️कम्युनिटी आउटरीच कार्यक्रम।
➡️सुपर स्पेशलाइज्ड कोर्सेज और स्टार्टअप्स के जरिए सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा।
➡️मानसिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य जागरूकता दिवस का संयुक्त आयोजन।
शोध और विकास को नई दिशा
पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के प्रभारी निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि यह साझेदारी विश्वविद्यालय को शोध और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। उन्होंने विकास एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा को इस उपलब्धि पर बधाई दी।