
देहरादून/ऋषिकेश, 30 अगस्त। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आने वाले कुछ दिन बेहद संवेदनशील हैं और प्रदेश में आपदा प्रबंधन तंत्र को हर वक्त अलर्ट मोड पर रहना होगा।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा बैठक में सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी परिस्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों में देरी नहीं होनी चाहिए।
सीएम धामी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में और ज्यादा सतर्कता बरती जाए। आपदा प्रभावितों को तुरंत हरसंभव मदद मिले। संवेदनशील क्षेत्रों में जन-जीवन की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों। सड़कों और बिजली-पानी जैसी सुविधाओं की बहाली पर विशेष ध्यान। चारधाम यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया जाए।
स्यानाचट्टी क्षेत्र पर विशेष ध्यान
सीएम ने उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मलवे से नदी का जलस्तर बढ़ा है। उन्होंने निर्देश दिए कि नदी किनारे जमा मलवा तुरंत सुरक्षित जगह पर हटाया जाए ताकि बारिश में दुबारा खतरा न बने।
चारधाम यात्रा और त्योहारों पर फोकस
सीएम धामी ने कहा कि बारिश कम होने के बाद चारधाम यात्रियों की संख्या बढ़ेगी और साथ ही त्योहारों का मौसम भी आने वाला है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत और आवश्यक व्यवस्थाओं को समय रहते पूरा किया जाए।
पशुओं और ग्रामीणों के लिए भी निर्देश
मुख्यमंत्री ने आपदा में घायल पशुओं के उपचार के लिए हर गांव में डॉक्टरों की टीम भेजने के आदेश दिए। साथ ही जिलाधिकारियों से कहा कि यदि उन्हें राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत हो तो शासन से सीधे मांग करें।
नदी-नालों और बांधों की सख्त निगरानी
सीएम धामी ने कहा कि नदी-नालों के किनारे अतिक्रमण बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा। साथ ही सभी बांधों पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित हो और पानी छोड़े जाने से पहले जिला प्रशासन को समय से सूचना दी जाए।
बैठक में यह शामिल रहे
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव डॉ. पंकज पांडे, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत सहित सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बैठक में मौजूद रहे।