
ऋषिकेश,1 सितम्बर। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के अवसर पर निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान की ओर से विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को नेत्रदान के महत्व से अवगत कराना और इस पुनीत कार्य के लिए प्रेरित करना था।
सोमवार को खैरी कला स्थित निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. ऋचा धीमान ने नेत्रदान का महत्व बताते हुए कहा कि नेत्रदान सबसे महान दान है, जिससे किसी का जीवन बदल सकता है। मृत्यु के बाद नेत्रदान करके हम किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को नई रोशनी दे सकते हैं।
उन्होंने नेत्रदान की प्रक्रिया, इसके लाभ और इससे जुड़े भ्रांतियों पर भी प्रकाश डाला।
आत्म प्रकाश कोचर ने भावनात्मक आह्वान करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए। यह समाज के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से आगे आकर इस नेक कार्य का हिस्सा बनने का आग्रह किया।
आंखों पर पट्टी बांधकर कराई दृष्टिहीनता की अनुभूति
कार्यक्रम का सबसे प्रभावशाली क्षण तब आया जब ऑप्टोमेट्री विभागाध्यक्ष शशि शेखर सिंह ने एक प्रतिभागी की आंखों पर पट्टी बांधकर उसे सामान्य गतिविधियां करने को कहा। इस रोचक और भावनात्मक गतिविधि के माध्यम से दर्शकों को यह अनुभव कराया गया कि दृष्टिहीनता के कारण किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कार्यक्रम समापन: नेत्रदान का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों से नेत्रदान का संकल्प पत्र भरवाया गया। निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान ने पुनः यह संकल्प दोहराया कि वह समाज को अंधकारमुक्त बनाने हेतु निरंतर प्रयासरत रहेगा।
“एक संकल्प, किसी की दुनिया रोशन कर सकता है — आइए, नेत्रदान करें।”