–मायाकुंड हनुमान मंदिर में श्री राम कथा का तीसरा दिन
ऋषिकेश,31 मार्च। कथा मर्मज्ञ उमा महेश नंदन आचार्य मनीष पाठक महाराज ने कहा कि धर्म शाश्वत एवं सनातन है जो कभी घटता है बढ़ता नहीं है। जब धार्मिकता का ह्रास होता है तब भगवान धरती पर अवतार लेते हैं।
ऋषिकेश के मारकुंडी स्थित मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर में चल रही श्री राम कथा के तीसरे दिन नरसिंहपुर से आए कथा मर्मज्ञ उमा महेश नंदन आचार्य मनीष पाठक महाराज ने दिव्य कथा का श्रवणको अमृत पान कराते हुए भगवान श्री राम के अवतार लेने के कारणों एवं अवतार के कार्यों पर विस्तार पूर्वक बताया। कहा कि जब जब अधर्म बढ़ता है। धार्मिकता का ह्रास होता है, तब तब भगवान अवतार लेते हैं। उन्होंने बताया की धर्म अचल और शाश्वत है। धार्मिकता अवश्य घटती या बढ़ती हुई प्रतीत होती है । इसी को धर्म ग्लानि कहा गया है। पापाचार,अनाचार ,दुराचार, भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाली जो आसुरी शक्तियां है जो अधर्म की प्रतीक मानी जाती है वह बढ़ने लगती है और उनके जो कार्य हैं जो उनकी पहचान है उसके विषय में भी श्री रामचरितमानस में बताया गया है। मानहीं, मात-पिता नहीं देवा, साधुन सन् करवावही सेवा। अर्थात जो अपने माता-पिता का, वृद्धजनों, संतजनों का, अपनी पूर्व परंपरा का निरादर करते हैं एवं अत्यंत कामी, क्रोधी, लोभी एवं मोह से ग्रस्त होते हैं। वही इस धरती के बोझ है। इसीलिए भगवान के अवतार लेने के अनेकों कारणों में से एक कारण यह भी बताया गया है
धर्म शाश्वत एवं सनातन है जो कभी घटता बढ़ता नही
