साल भर पहले भी छापा मारकर 5 लोगो पर दर्ज किया था मुकदमा
ऋषिकेश, 31 मार्च।नियुक्ति और उपकरण खरीदारी जैसी अनियमितताओं के आरोप से घिरे एम्स ऋषिकेश में एक बार फिर सीबीआई की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची है। करीब 1 साल पहले फरवरी में सीबीआई की टीम ने छापा मारकर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
एक डीएसपी के नेतृत्व में शुक्रवार को फिर से सात सदस्य सीबीआई की टीम एम्स ऋषिकेश पहुंची हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां टीम चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में आवश्यक पूछताछ कर रही है।
बता दें कि बीते वर्ष ऐम्स ऋषिकेश में रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद और केमिस्ट शाप के आवंटन के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की थी। गड़बड़ी मामले में सीबीआई ने एम्स ऋषिकेश में बड़ी कार्रवाई की थी। इसी सिलसिले में सीबीआई ने बीते वर्ष अप्रैल माह में आपराधिक षडयंत्र कर धोखाधड़ी करने के दो मुकदमे दर्ज किए थे।
इनमें एम्स के तीन प्रोफेसरों, एक प्रशासनिक अधिकारी और एक लेखाधिकारी को नामजद किया गया है। सूत्रों के मुताबिक जिस कमेटी के माध्यम से खरीद प्रक्रिया पूरी कराई गई, इसमें करीब 2.41 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पाई गई।
तब यह हुए थे नामजद
ऋषिकेश। करीब साल भर पहले इस मामले में एम्स के माइक्रोबायोलाजी विभाग में तैनात तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर बलराम जी उमर, एनाटामी विभाग के तत्कालीन अध्यक्ष प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल निवासी ऋषिकेश देहरादून, प्रशासनिक अधिकारी शशि कांत, लेखाधिकारी दीपक जोशी और खनेजा कांप्लेक्स शकरपुर दिल्ली स्थित प्रो-मेडिक डियाईसेस के स्वामी पुनीत शर्मा को नामजद किया गया था। इस मुकदमे में कुछ अन्य लोक सेवक और निजी क्षेत्र के अज्ञात व्यक्ति भी आरोपित हैं।