सीने में आर-पार हो गया था 5 सूत का सरिया! एम्स के चिकित्सकों ने 4 घंटे की जटिल ऑपरेशन कर बचाया जीवन/ हल्द्वानी सुयालबाड़ी का मोहित करीब 12 घंटे मौत से संघर्ष करता रहा

 

ऋषिकेश,16 मई। सड़क हादसे का शिकार हुए एक युवक के सीने को चीरते हुए 5 सूत का सरिया शरीर के आरपार हो गया। घायल युवक को पहले कुमाऊं के स्थानीय सीएचसी केंद्र और फिर हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए एम्स ऋषिकेश रेफर करना पड़ा। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक रेफर करते हुए घायल को एम्स पहुंचने में पूरे 12 घंटे लगे। आपात स्थिति को देखते हुए एम्स के ट्रामा विभाग के शल्य चिकित्सकों की टीम ने आधी रात में ही घायल की सर्जरी शुरू की। करीब 4 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद घायल युवक को नया जीवन देने में सफलता मिली। युवक अब खतरे से बाहर है और एम्स के ट्रामा वार्ड में उपचाराधीन है।
घटना कुमाऊं क्षेत्र के अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर सुयालबाड़ी से कुछ आगे की है। कुछ दिन पहले यहां दिल दहला देने वाले एक सड़क हादसे में शिक्षिकाओं को लेकर जा रही एक कार और पिकप वाहन की भिडंत हो गयी। भिड़ंत के बाद पिकप वाहन सड़क से कई फिट नीचे निर्माणाधीन पुलिया पर जा गिरा। इस पुलिया पर 05 सूत का सरिया ऊपर की ओर उठा हुआ था। मुख्य सड़क से पिकप वाहन जब नीचे पुलिया पर गिरा तो इस दौरान सरिया पिकप में बैठे 18 वर्षीय मोहित की छाती को चीरता हुआ आर-पार हो गया। तकरीबन 1 घन्टे तक घायल युवक का शरीर पुल की सरिया पर ही फंसा रहा। बाद में पुलिस की मदद से किसी तरह पुल से सरिया को काटा गया और फिर छाती में फंसे सरिया सहित गंभीर रूप से घायल हो चुके मोहित को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुयालबाड़ी ले जाया गया। स्थानीय सीएचसी में मौजूद चिकित्सकों की टीम ने युवक की नाजुक हालत को देखते हुए उसे हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा। जहां से उसे एम्स रेफर कर दिया गया।

मुख्य सर्जन डा. मधुर उनियाल ने क्या बताया
एम्स में सर्जरी टीम के मुख्य सर्जन डा. मधुर उनियाल ने बताया कि यह बेहद नाजुक समय था। आधी रात के समय मरीज को एंबुलेंस से जब एम्स की ट्रामा इमरजेन्सी में लाया गया तो हमनें देखा कि पीठ से अंदर घुसी सरिया घायल युवक के सीने से आगे की ओर निकला हुआ था। युवक को तिरछी करवट वाली स्थिति में लिटाकर लाया गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि घटना सुबह 11 बजे हुई। घायल को एम्स ऋषिकेश तक पंहुचने में रात के लगभग 12 बज गए थे। चिकित्सकों की टीम के लिए घायल युवक का जीवन बचाना बहुत जरूरी था। ऐसे में हाई रिस्क लेते हुए सर्जरी शुरू करने का निर्णय लिया गया। करीब चार घंटे चले ऑपरेशन के बाद मोहित की दाहिनी छाती खोल कर सीने से सरिया बाहर निकाला। सर्जरी टीम में डा. मधुर उनियाल के अलावा डा. नीरज कुमार, डा. अग्निवा का योगदान रहा। ऐनेस्थेसिया टीम का नेतृत्व डा. अजय कुमार और डा. मानसा ने किया।

घायल युवक के पिता क्या बोले
घायल युवक के पिता किशन राम ने बताया कि इस दुर्घटना के 2 दिन पहले ही उनके पिता का निधन हुआ था। ऐसे में बेटे मोहित की दुर्घटना की खबर मिलने से हम पूरी तरह टूट गए और मोहित के जीवन को लेकर हौसला हार चुके थे, लेकिन एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने मोहित को नया जीवन देकर हमारी उम्मीदों को रोशनी दी है। अब मेरा बेटा खतरे से बाहर है। एम्स के चिकित्सक हमारे लिए भगवान से कम नहीं हैं।

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