लंबित मांगों को लेकर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग कार्यालय में गरजी आंगनबाड़ी वर्कर
देहरादून। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रति बच्चा खाने का बजट बढ़ाने, समान कार्य समान मानदेय, भवन किराया और प्रमोशन समेत 10 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेशभर की आंगनबाड़ी वर्करों ने उपनिदेशक, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग कार्यालय देहरादून में धरना प्रदर्शन किया। एक स्वर में कहा कि विभिन्न समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया तो उग्र आंदोलन के बाध्य होंगे।
बुधवार को उत्तराखंड आंगनबाड़ी संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री के नेतृत्व में प्रदेश भर से आंगनबाड़ी वर्कर सुद्धोवाला, देहरादून स्थित उप निदेशक, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग कार्यालय में पहुंचे और विभिन्न समस्याओं को लेकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उपनिदेशक का घेराव कर बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां विगत कई वर्षों से अपनी मांगो एवं समस्याओं को लेकर संघर्षरत है। लेकिन सरकार एवं विभाग द्वारा आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है। यही वजह है कि उन्हें अननोन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने एक स्वर में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी वर्कर का मानदेय बढ़ाने, भवन का किराया, सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का प्रमोशन और प्रति बच्चे खाने का बजट बढ़ाने आदि समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की। संघ की प्रदेश अध्यक्ष ने उपनिदेशक बताया कि बिना धनराशि बढ़ाएं आंगनबाडी केन्द्रों में नई कुक्ड फूड व्यवस्था पर बदलाव उचित नहीं है। महंगाई के दौर में पूर्व निर्धारित प्रति बच्चा 8 रुपए खाने के बजट में झंगोरे की खीर, मटर पुलाव समेत पांच सितारा होटल वाले मैन्यू के मुताबिक भोजन बनना संभव नहीं है। लिहाजा मैन्यू को लागू करने से पहले कुक्ड फूड की धनराशि बढाएं।
उपनिदेशक विक्रम सिंह ने आंगनबाड़ी वर्करों को जल्द उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार भी मौजूद रहे।
प्रदर्शन में प्रदेश महामंत्री ममता बादल, रूबी त्यागी, अंजू पाल, सुनीता राणा, बीना चौहान, रचना कुकरेती, पिंकी भट्ट, राखी गुप्ता, मधु पुंडीर आदि शामिल रहे।