ऋषिकेश। न्याय पंचायत श्यामपुर के ग्राम सभा खदरी खड़कमाफ़ में वन्यजीवों की आमद में एक नाम और जुड़ गया । यहाँ गुलदार, नील गाय, बारह सिंघा सहित हाथी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। अब यहां आबादी के किनारे गंगा में मगरमच्छ की नजर आने से ग्रामीण खौफजदा हैं।
एक ग्रामीण ने गंगा किनारे नजर आए मगरमच्छ की वीडियो भी बनाई है। बताया कि गंगा को वेद पुराणों में मकर वाहिनी कहा गया है। गंगा में मगरमच्छ सदियों से रहते आ रहे हैं। जबकि यमुना में कच्छप अधिक पाए जाते हैं। माना जा रहा है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ आने से मगरमच्छ सहित कई जीव सहायक नदी नालों की ओर शरण लेने लगते हैं। ऐसे में यह भी बहकर आ गया होगा। लोगों की माने तो इससे पूर्व भी यहां खदरी पॉलिटेक्निक के समीप तीन साल पहले सीवरेज नाले में कई दिनों तक मगरमच्छ दिखाई देता रहा है। बहरहाल सुरक्षा के दृष्टिगत बच्चों को गंगा में स्नान करने पर रोकने का आग्रह किया गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से यहां चेतावनी बोर्ड लगाने की मांग की है। बताया कि गंगा के दूसरे छोर पर मगरमच्छ दिखाई देने की खबर लगते ही यहां ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रत्यक्षदर्शियों धर्म सिंह भण्डारी, प्रकाश पटवाल, मोहन रावत, मनवर सिंह, बलबीर पुंडीर, निर्मला देवी, रजनी पटवाल, आयुष्मान पटवाल ने बताया कि शोर-शराबे के चलते मगरमच्छ नदी के अंदर चला गया, जब भीड़ कम हुई तो फिर से बाहर आ गया प्रवेश कर गया। मगरमच्छ की सूचना वनविभाग को दे दी गयी है।