ऋषिकेश 3 अक्टूबर। गढ़वाल मंडल विकास निगम को निजी हाथों में सौंपने की सरकार की मंशा का विरोध तेज हो गया है। मंगलवार को जीएमवीएन कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में राज्य सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। चेताया कि प्रदेश सरकार ने निगम के निजीकरण का निर्णय शीघ्र वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे
मंगलवार को संयुक्त कर्मचारी महासंघ गढ़वाल मंडल विकास निगम लिमिटेड के बैनर निगम कर्मी हरिद्वार बाईपास रोड स्थित निगम के पर्यटन कार्यालय में एकत्रित हुए। यहां जीएमवीएन के अतिथि गृह समेत अन्य संसाधनों को निजी हाथों में सौंपने की सरकार की तैयारी का पुरजोर विरोध किया। निगम कर्मियों ने राज्य सरकार के खिलाफ एक स्वर में हुंकार भरी।
इस दौरान गेट मीटिंग में कर्मचारी नेता बीएम जुयाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार निगम को निजी हाथों में सौंपने जा रही है, जिसका हम पूरी तरह विरोध करेंगे। कर्मचारी सूर्य प्रकाश विश्वास ने कहा कि आज गढ़वाल मंडल विकास निगम शासन-प्रशासन की नजरों में क्यों चुभने लगा। वह भी समय था जब सरकार का कोई भी कार्यक्रम गढ़वाल मंडल विकास निगम के बिना अधूरा रहता था। उन्होंने कहा कि यदि निगम के आवास गृह को पीपीपी मोड पर दिया जाता है तो निगम कर्मी सड़कों पर उतर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनमोहन चौधरी ने कहा कि निजीकरण के संबंध में दूसरे दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को होनी तय है। उम्मीद है वार्ता सफल होगी। यदि वार्ता बेनतीजा रही तो कार्य बहिष्कार कर कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। निगम का निजीकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शन में सत्यपाल सिंह बिष्ट, प्रदीप असवाल, श्याम सिंह पंवार, एनएस कंडारी, मोहन सिंह, संदीप मेवाड़, सुरेंद्र रावत, प्रीति डिमरी, खीमा देवी, पार्वती, आनंद नेगी, राजपाल कंडारी, अरविंद उनियाल, पुष्कर बिष्ट, रमेश बिष्ट, रघुवीर बिष्ट, महादेव उनियाल, वीरेंद्र गोसाई, हेमवंती थपलियाल, विमल तोपवाल आदि मौजूद रहे।
राज्य सरकार के खिलाफ गरजे जीएमवीएन कर्मी! निगम के निजीकरण की कार्रवाई का विरोध
