ऋषिकेश 7 नवंबर। विश्व कल्याण और सामाजिक समरसता की कामना के लिए आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के 11वें दिन मंगलवार को प्रख्यात कथा वाचक ब्रह्मषि राष्ट्रीय संत डॉ. दुर्गेश आचार्य ने कहा कि शिव महापुराण कथा सुनने से पाप नष्ट हो जाते हैं। इस पुराण में भगवान शिव को वात्सल्य, दया और करुणा की मूर्ति के रूप में महिमामंडित किया गया है।
तीर्थ नगरी ऋषिकेश की हृदयस्थली त्रिवेणीघाट पर 29 अक्टूबर से शुरू हुई श्री शिव महापुराण कथा में प्रख्यात कथावाचक डॉ दुर्गेश आचार्य ने मंगलवार को दिव्य कथा का अमृतपान करते हुए कहा कि इस कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने भक्तों को शिव महापुराण कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भगवान शिव के भक्तों के लिये शिव पुराण का बड़ा महत्व है। इस पुराण में शिव भगवान की महिमा कही गई है। कहा कि शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है और साथ ही उसे भोग और मोक्ष दोनों की ही प्राप्ति होती है। कहा कि भगवान शिव की कृपा से जीव का कल्याण होता है। वह सांसारिक बंधनों से मुक्ति पाता है। कथा श्रवण से मनुष्य के संस्कारों में सुधार आता है।कथा आयोजन वरिष्ठ अधिवक्ता स्वरूप सिंह खरोला ने बताया कि कथा का आयोजन गंगा विश्व शांति सद्भावना समिति ढलवाला और समग्र धर्म प्राण जनार्दन श्यामपुर की ओर से की जा रही है, बुधवार को कथा का समापन होगा। मौके पर राम सिंह नेगी, आचार्य रमेश चंद्र पैन्यूली, पुष्पा नेगी, हिमांशु, नीलम बिजल्वाण, सुशीला रावत, सरला नेगी, दिनेश कुड़ियाल, जगत सिंह, हेमा चमोली, नरेश नेगी आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।