ऋषिकेश 13 फरवरी। स्वर्गाश्रम स्थित गीता भवन के प्रबंधक ने ग्राम पंचायत जौंक के पूर्व अध्यक्ष और उनके साथियों से जान माल के खतरे का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन से सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई है।
मंगलवार को पत्रकारवार्ता आयोजित कर गीता भवन के प्रबंधक गौतम छपारिया ने गीता भवन के माली की पिछले दिनों हुई मौत को जौंक ग्राम पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सहित कुछ लोगों पर गीता भवन को राजनीतिक साजिश और स्वार्थ सिद्धि के चलते बदनाम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों गीता भवन में माली के पद पर कार्यरत 63 वर्षीय श्याम सुन्दर की मौत हो गई थी। आरोप लगाया कि जिसकी मौत को पंचायत के पूर्व अध्यक्ष ने अपने साथियों के साथ मिलकर बीती 2 फरवरी को गीता भवन में उन्हें बुलाकर मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की डिमांड की। जिस पर उन्होंने मानवता के आधार पर आर्थिक सहायता राशि देने का मृतक के परिजनों को आश्वासन देने के बावजूद उन्हें जान से मारने की नीयत से हमला किया और उन्हें 4 घंटे तक बंधक भी बनाया गया। सूचना पर उन्हें पुलिस ने मुक्त कराया। यही नहीं हमलावरों ने उन्हें एससी एसटी के मुकदमे में फंसाने और अन्य मुकदमे लगवा कर जेल भिजवाने की धमकी भी दी गई।
प्रबंधक ने बताया कि गीता भवन धार्मिक संस्थान है जो भारत सरकार द्वारा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित है। इस संस्था को स्थानीय नेताओं एवं असामाजिक तत्व लगातार बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। पत्रकारवार्ता में गीता भवन के ट्रस्टी रामस्वरूप केजरीवाल, गौरी शंकर, अशोक, कैलाश शर्मा, विष्णु, एसके गोयल, राम रतन मौर्य, संदीप आदि मौजूद रहे।