ऋषिकेश 14 अप्रैल। संत निरंकारी सत्संग भवन ऋषिकेश में आयोजित विशाल सत्संग में मसूरी जोन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने कहा कि मनुष्य जीवन ईश्वर की भक्ति करने के लिए प्राप्त हुआ है। यही मनुष्य के जीवन का परम लक्ष्य है। लेकिन, इंसान अज्ञानता वश ईश्वर को छोड़कर केवल माया को प्राप्त करने के लिए दौड़ता रहता है। कहा कि सत्संग करने से ही मन इस माया से हटकर परमात्मा की ओर लग जाता है।
गंगानगर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह के सानिध्य में आयोजित सत्संग में ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र से काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सत्संग में मसूरी जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने कहा कि इस संसार में परमात्मा के अलावा हर वस्तु ही माया है। इसलिए सत्संग का सहारा लेते हुए अपने मन को परमात्मा के साथ जोड़ना ही भक्ति है। सत्संग करने से ही मन से काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार जैसे अवगुण दूर हो जाते हैं और भक्त के जीवन में भक्ति वाले गुणों का वास हो जाता है।
भक्त और भगवान के मिलन का माध्यम भक्ति है। परमात्मा को जानकर भक्त हर समय प्रभु परमात्मा के एहसास में रहना ही भक्ति है। भक्त और भगवान का नाता ब्रह्मज्ञान से जुड़ जाता है। फिर भक्त को सुख-दुख का कोई फर्क नहीं पड़ता। वह हर समय आनंद और सुकून का जीवन जीते हुए भक्ति की अवस्था को प्राप्त करता है। कहा कि परमात्मा के अहसास में जितना अधिक हम रहेंगे उतना ही अधिक मानवीय गुण हमारे जीवन में आते रहेंगे और हमारा मन भक्त बनेगा। जब इस सत्य का ज्ञान हो जाता है तो फिर जीवन कैसा भी हो, कोई भी स्थिति हो, आनंद की अवस्था में ही हमारा जीवन व्यतीत होता है।
सत्संग कार्यक्रम में ब्रांच संयोजक, सेवादल अधिकारी, ज्ञान प्रचारक एवं साध संगत के सैकड़ो महात्मा उपस्थित रहे।
धर्म कर्म: सत्संग से ही मन इस माया से हटकर परमात्मा की ओर लगता है! भक्ति से सराबोर रहे श्रद्धालु
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